पानी सा वक्त बहे जाता है गौर से सुन लो तो सुन पाओगे पानी सा वक्त बहे जाता है गौर से सुन लो तो सुन पाओगे
आज थोड़ा भारी, कल तक हल्का था बहता। आज थोड़ा भारी, कल तक हल्का था बहता।
जिस दिन जल की हो जाएगी कमी कैसे चलेगी जिंदगी। क्या सोचा है कभी ? जिस दिन जल की हो जाएगी कमी कैसे चलेगी जिंदगी। क्या सोचा है कभी ?
खुश थे हम भी खुशी बनाते हुए आपको ज़िन्दगी बनाते हुए। खुश थे हम भी खुशी बनाते हुए आपको ज़िन्दगी बनाते हुए।
मेंढक ने कहा , ओ मछली रानी कहते लोग तुम्हें , बड़ी सयानी। मेंढक ने कहा , ओ मछली रानी कहते लोग तुम्हें , बड़ी सयानी।
कवितामें कुदरत के प्राकृतिक जीवन का वर्णन किया गया है। कवितामें कुदरत के प्राकृतिक जीवन का वर्णन किया गया है।